Hindi Filmon Mein Chitrit Queer Ka Jeevan Sangharsh Evam Samasyayen: Ek Adhyayan
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Date
2025-01
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Publisher
Avinashilingam
Abstract
साहहत्म औय सभाज का सॊफॊध अन्मोन्माश्रित है । सभाज के बफना साहहत्म की
ननर्भिनत नह ॊ कय सकते औय बफना साहहत्म के सभाज बी अऩना कोई भहत्त्व नह ॊ यखता। जजस तयह साहहत्म औय सभाज का सॊफॊध अर्बन्न है ठीक वैसे ह साहहत्म औय र् सनेभा का बी अटूट रयश् ता यहा है । साहहत्म सभाज को प्र नतबफॊबफत कयता है, जो उसकी सॊवेदनाओॊ, ववचायों औय प्र वृजत् तमों को उजागय कयता है, औय र् सनेभा इसी साहहत्म को दृश् म भाध्मभ भें फदरकय ववश्वबय के दर् ि कों तक ऩहॉचाता है । मह केवर भनोयॊजन का साधन नह ॊ , फजकक र्र्ऺ ा , जागरूकता औय साभाजजक ऩरयवतिन का र् जततर्ार उऩकयण है । फपकभें सभाज की सच् चाइमों को उजागय कयते हए उसे सोचने, सभझने औय फदरने की प्रे यणा देती हैं । साहहत् म औय र् सनेभा का सॊगभ दर् ि कों को उन कहाननमों औय भ द्दों से जोड़ता है , जो सभाज के हय वगि को छूते हैं ।साहहत्म ने सदैव सभाज के अनछए ऩहर ओॊ को साभने राने औय उन् हें ववस् ताय देने का काभ फकमा है । र् सनेभा ने इस प्र मास को जीवन देते हए व् मजततमों , वगों औय सभ दामों की कहाननमों को प्र बावर् ार ढॊग से प्रस् तत फकमा है । मह भाध्मभ न केवर सॊवेदनाओॊ औय अनबवों को श्र चबित कयता है, फजकक उन प्रश् नों औय ववचायों को बी साभने राता है जो अतसय अनदेखे यह जाते हैं । हार्र् ए ऩय खड़े वगों की आवाज़ फनते हए, र् सनेभा ने उनकी ऩयॊऩयाओॊ , साॊस् कृनतक ववववधताओॊ औय सभस् माओॊ को व् माऩक दर् ि कों तक ऩहॉचाने भें भदद की है । इसके साथ ह , मह भाध्मभ सभाज भें व् माप्त रू ह़िमों को चनौती देकय ऩरयवतिन औय प्र गनतर् ीरता की हदर् ा भें एक भजफूत बूर् भका ननबाता
है । साहहत्म औय र् सनेभा के इस तारभेर ने सभाज को एक जीवन्त दृ जटटकोण प्र दान
फकमा है ।नब्फे के दर्क के फाद बायत भें हार्र्ए के ववभर्ों की चचाि ने एक नई हदर्ा प्र ाप्त
की । इसभें दर्रत ववभर्ि , आहदवासी ववभर्ि , अकऩसॊख्मक ववभर्ि , ऩमािवयण ववभर्ि , हदव्माॊग ववभर्ि , फार ववभर्ि , वृद्ध ववभर् ि के साथ-साथ एर जी फी ट तमू (LGBTQ) मा तवीय ववभर् ि /र् सद्ध ाॊत प्र भखता से उबये । इन ववभर्ों ने सभाज भें उऩेक्षऺत औय हार्र्ए ऩय खड़े सभ दामों की आवाज को स् थान हदमा औय उनकी अजस्भता , अश्रधकायों औय अजस्तत्व को नई ऩहचान प्र दान की ।तवीय र् सद्धाॊत उत्तय -सॊयचनावादर् सद्ध ाॊत का एक भहत् वऩूणि ऺे ि है, जजसका उद्भव 1990 के दर् क भें तवीमय अध् ममन तथा स् िी अध् ममन के ऺे ि भें हआ है । ‘तवीय’ एक ऐसा व् माऩक र्ब् द है, जो उन सबी व् मजततमों को सजमभर्रत कयता है जो 'ववषभरैंश्रगकता ' औय ‘र्ससजेंडय ’ की ऩायॊऩरयक ऩरयबाषाओॊ से र् बन्न हैं । मह उन रोगों की ऩहचान को सॊदर्बित कयता है जजनकी ‘रैंश्रगक ऩहचान ’ ऩायॊऩरयक स् िी -ऩ रु ष की धायणाओॊ से ऩये है, मा
जजनकी ‘मौननकता’ सभाज द् वाया स् वीकृत रू ह़ि गत भानकों के अन रू ऩ नह ॊ है ।
छोट उम्र से ह भ झे ववर् बन् न र्ैर् रमों (जॉनय) की फ़िकभें देखने का र् ौक यहा है ,
औय इसी दौयान भेय नज़य एर जी फी ट थीभ ऩय आधारयत फ़िकभों ऩय ऩड़ी , जजन्होंने
इस ऺे ि भें भेयरुश्र च को जागृत फकमा । इन फ़िकभों ने न केवर भेये बीतय इस सभ दाम
के जीवन के प्र नत जजऻासा फ़िाई , फजकक उनके साभने आने वार चनौनतमों औय सॊघषों को
सभझने की प्रे यणा बी द । इसी अनबव ने भ झे ‘हहन्द फपकभों भें श्र चबित तवीय का
जीवन सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ: एक अध्ममन ’ ववषम को र् ोध के रू ऩ भें चनने के र् रए प्रे रयत फकमा । सभाज भें तवीय सभ दाम के प्र नत व् माप् त बेदबाव, अस् वीकृनत, कानूनी बेदबाव,आश्रथिक औय साभाजजक अरगाव , र्ैऺ णणक सॊस्थानों भें उत्ऩीड़न औय भीडडमा भें नकायात् भक श्र चिण जैसे ऩहर ओॊ ने भेये ववचायों को गहयाई से प्र बाववत फकमा । तवीय
सभ दाम के सॊघषों का भज़ाक उड़ाने मा उन्हें औय अश्रधक हार्र्ए ऩय धकेरने के फजाम ,
भ झे एहसास हआ फक एर जी फी ट तम सभ दाम की वास् तववकताओॊ को ऩहचानना औय
गहयाई से सभझना अश्र धक वाॊछनीम औय भहत् वऩूणि है । इस र् ोध का उद्देश्म हहन्द
र्सनेभा के भाध् मभ से तवीय सभ दाम के जीवन औय सॊघषों को उजागय कयना औय सभाज
भें सभानता एवॊ जागरूकता को फ़िावा देना है । प्रस्तत र् ोध-प्रफॊध को ऩाॉच अध्मामों भें फाॉटा गमा है - अध्माम -१ तवीय : अवधायणा एवॊ स् वरूऩअध्माम -२ हहन्द फपकभों भें श्र चबित ‘रेजस्फ मन’- सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ अध्माम -३ हहन्द फपकभों भें श्र चबित ‘गे’- सॊघषि एवॊ सभस्माएॉअध्माम -४ हहन्द फपकभों भें ननरूवऩत ‘थडि जेंडय’-सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ
अध्माम -५ हहन्द फपकभों भें तवीय : अर्बव्मजतत ऩऺप्रथभ अध्माम ‘तवीय : अवधायणा एवॊ स् वरूऩ ’ भें ‘तवीय’ र्ब् द औय सभ दाम का सॊक्षऺप्त ऩरयचम , ववर्बन्न ववद्वानों द् वाया द गई ऩरयबाषाओॊ ऩय चचाि की गई है । उऩ- र् ीषिक के अॊतगित रैंश्रगक अवधायणा , तवीय-उद्भव एवॊ इनतहास , तवीय-प्रकाय , तवीय- धभि सॊफॊधी भान्मताएॉ , हहन्द साहहत्म भें तवीय ववभर्ि ऩय अध्ममन फकमा गमा है । द् ववतीम अध्माम का र् ीषिक है ‘हहन्द फपकभों भें श्र चबित ‘रेजस्फ मन’-सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ ’। इस अध्माम को तीन उऩ - र् ीषिकों भें ववबाजजत कयके इसको क्र भर्् हहॊदर् सनेभा का सॊक्षऺप्त ऩरयचम , र् ोध के र् रए चमननत हहन्द फपकभों भें श्र चबित रेस्फीमन फपकभों की सूची एवॊ कथानक को प्रस् तत कयके इन्हें साभाजजक, भनोवैऻाननक, वऩतृसत् तात् भक, याजनैनतक, धार्भिक ऩरयप्रेक्ष्म के आधाय ऩय उनके सॊघषि एवॊ सभस्माओॊ का ववश्रेटणात्भक अध्ममन फकमा गमा है ।तृतीम अध् माम का र् ीषिक है ‘हहन्द फपकभों भें श्र चबित ‘गे’- सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ ’।
इस अध्माम को तीन उऩ -अध्मामों भें ववबाजजत फकमा गमा है । इसभें ‘गे’ र्ब् द के उद्भव
औय ववकास ऩय चचाि की गई है । साथ ह , गे भ द्दों ऩय फनी हहन् द फपकभों के कथानक
को अध् ममन का हहस् सा फनाते हए, उनके साभाजजक, भनोवैऻाननक, वऩतृसत् तात् भक,
याजनैनतक औय धार्भिक ऩरयप्रेक्ष्म के आधाय ऩय ववश्रेषण फकमा गमा है । इस ववश्रेषण
के भाध् मभ से उनके अनबवों औय न् मामसॊगत अश्र धकायों का ववचायात् भक अध् ममन प्रस् तत फकमा गमा है ।चतथि अध् माम ‘हहन्द फपकभों भें ननरूवऩत ‘थडि जेंडय’ - सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ ’ र् ीषिक के अॊतगित बायतीम र् सनेभा भें थडि जेंडय (हहजड़ ा/फकन् नय सभ दाम) के श्र चिण औय उनके जीवन सॊघषों को गहयाई से सभझने का प्र मास फकमा है । प्रस् तत अध् माम को तीन उऩ- अध्मामों भें ववबाजजत फकमा गमा है , जजसभें थडि जेंडय के जीवन, सभाज भें उनकी जस्थनत औय उनके सॊघषों का ववर्बन्न दृ जटटकोणों से ववश्रेषण फकमा गमा है । इस अध्माम भें हहन्दर् सनेभा भें थडि जेंडय के ऐनतहार्सक औय सभकार न श्र चिण को स् ऩटट कयते हए र् ोध के र् रए चमननत फपकभों के भाध्मभ से उनके जीवन औय सॊघषों की ओय इर् ाया फकमा गमा है । इन फपकभों के कथानक साभाजजक , याजनीनतक, धार्भिक औय ऩारयवारयक सॊदबों के आधाय ऩय ववश्रेषण फकमा गमा है ।ऩॊचभ अध्माम का र् ीषिक ‘हहन्द फपकभों भें तवीय: अर्बव्मजतत ऩऺ ’ है । इस
अध्माम भें फपकभ का अथि, ऩरयबाषा, बाषा औय प्रस् ततीकयण ऩय ववस् ताय से चचाि की
गई है । फपकभ की करा औय तकनीकी ऩऺों का ववश् रेषण कयते हए ऩटकथा,
सॊवाद, अर्बनम, बाषा, सॊगीत, छामाॊकन, दृश् म मोजना औय सॊऩादन का अवरोकन फकमा
गमा है ।‘उऩसॊहाय’ भें ननटकषि के तौय ऩय सभूचे अध् ममन का साय प्रस् तत फकमा गमा है । र् ोध प्र फॊध भें ‘हहन्द फपकभों भें श्र चबित तवीय का जीवन सॊघषि एवॊ सभस्माएॉ ’ के सॊदबि भें जजन आमाभों को खोजा गमा है, उनका वववेचन है औय र् ोध प्र फॊध का सभाऩन आधाय ग्रन् थ सूची, र्ब् द कोर् एवॊ ऩि-ऩबिकाओॊ, वेफसाइट के वववयण के साथ प्रस् तत फकमा गमा है ।
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